जहाँ महकता था देसी घी का हलवा , अब सुनाई दे रही केवल लहरों की आवाज, जानिए क्या हुआ ऐसा ?
लाकडाउन का पांचवा दिन :सिंगाजी महाराज के समाधि स्थल पर सन्नाटा
तरूण गुप्ता , सिंगाजी:- निमाड की आध्यात्मिक धारा के चमत्कारिक निर्गुणी सन्त सिंगाजी महाराज का समाधि स्थल इन दिनो तालाबन्दी के दोैर से गुजर रहा है । मूल समाधि स्थल का प्रांगण पर पूरी तरह सन्नाटा पसरा हुआ है । 460 साल से यहां सतत प्रज्वलित अखण्ड ज्योत पहली बार अजीब सन्नाटे की गवाह बनी है । कोरोना महामारी के संकट ने इस आध्यात्मिक स्थल की चहल पहल को छिन लिया है । आम तौर पर प्रतिदिन यहां सैकडो दो पहिया चार पहिया वाहन टूरिस्ट बसे पहुचती रही है प्रदेश व देश के हर कोने से हजारो सिंगाजी भक्त अपने आराध्य की समाधि स्थल का दर्शन लाभ लेने के लिये पहुचते रहे है । तीज त्यौहार अमावस्या पूर्णिमा के अवसर पर यहां भारी भीड उमडती रही है ।प्रतिदिन भक्तो व्दारा बनाये जाने वाले हलुवा प्रसादी की महक नदारद है । अब सब कुछ शांत है । कोरोना महामारी से बचाव के लिये प्रधानमंत्री व्दारा 21 दिन के घोषित लाकडाउन का यहां भी पालन हो रहा है । समाधि स्थल के महन्त ने आदेश का पालन करते हुये समाधि स्थल पर ताला लगा दिया है भक्तो को दर्शन लाभ लेने की सुविधा समाप्त कर दी है । समाधि स्थल तक इंदिरा सागर बांध के बेकवाटर को चीरते हुये बनाये गये दो किमी लम्बे ब्रिज पर रहने वाली चहल पहल गायब है । श्रद्दा व आस्था का यह उर्जावान स्थल पर भक्तो की उपस्थित नदारद है । समाधि स्थल के तीन तरफ भरे इंदिरा सागर बांध परियोजना के बेकवाटर की लहरे ही समाधि स्थल के ब्रिज से टकराकर शांत वातवरण को भंग कर रही है किसी भक्त की यहा आवाजाही नही है समाधि स्थल के महन्त रतनलाल महाराज ने कहा कि लाकडाउन का पूरा पालन किया जा रहा है । परम्परा अनुसार पूजन भोग आरती की जा रही है । किसी को समाधि स्थल पर प्रवेश की अनुमति नही है । उन्होने कहा कि स्थितिया सामान्य होने एवं शासन के निर्देश मिलने उपरान्त ही दर्शन लाभ की सुविधा मिल सकेगी ।
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