जागरूक परिवार ने कोरोना के संक्रमण से बचाने के लिए शवयात्रा में वितरित किये मास्क
मार्केट में मास्क की शार्टेज पर भारी पड़ी जागरूकता, परिवार ने अपने हाथों से बनाए मास्क
देवास। मध्यप्रदेश ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी संघ के देवास जिलाध्यक्ष छगनलाल पिपलोदिया की पत्नी श्रीमती लक्षमी पिपलोदिया का निधन 19 मार्च को हो गया। परिवार पर दु:ख का पहाड़ टूटा लेकिन यह परिवार अपना सामाजिक और राष्ट्रीय दायित्व निभाने में पीछे नही रहा। एक तरफ परिवार रतजगा कर रहा था तो दूसरी तरफ परिवार के युवा और किशोर जनहित के काम में व्यस्त थे। माजऱा यह है कि वर्तमान में कोरोना वायरस का संक्रमण विश्वभर में चल रहा है और इस महामारी से भारत भी अछूता नही है। शासन-प्रशासन अपने स्तर पर जागरूकता अभियान चला रहा है तो सामाजिक, धार्मिक सहित अन्य संगठन भी जागरूकता के लिए हर सम्भव काम कर रहे हैं। ऐसे में शिक्षित और जागरूक पिपलोदिया परिवार कैसे पीछे रह जाता। श्रीमती पिपलोदिया के निधन के बाद शवयात्रा 20 मार्च को सुबह निश्चित की गई और शवयात्रा में शामिल होने वालों से अपील की गई कि वे सुरक्षित तरीके से मास्क, स्कार्फ, टॉवेल, रुमाल आदि से मुंह बांधकर शामिल हों। परिवार को मार्केट में मास्क की शार्टेज का अंदाज़ा था। बावजूद पिपलोदिया परिवार चाहता था कि शवयात्रा में शामिल होने वाले लोग सुरक्षित रहें इसलिए मार्केट में मास्क की तलाश की गई पर जब वहां शार्टेज की बात सामने आई तो भी परिवार अपने संकल्प पर अडिग था। ताबड़तोड़ परिवार के युवाओं, किशोरों को मास्क घर पर ही हाथों से तैयार करने की बात कही तो वे भी तत्काल तैयार हो गए। और फिर क्या था देखते ही देखते पुष्पा विश्वकर्मा, एससीके सूर्योदय के नेतृत्व में टीम ने सैकड़ों मास्क बना दिए। इस बात को लेकर परिवार के बच्चों में बजी उत्साह था इसलिए सुबह जब शवयात्रा निकलने वाली थी, उससे पहले परिजनों सहित यहां आए लोगों को मास्क वितरित किये और उनका उपयोग करने का निवेदन किया। यही वजह रही जब अंतिम यात्रा निकाली तो अधिकांश लोग इसी मास्क को पहने नजर आए। इस पहल की प्रशंसा भी मुक्तिधाम में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में उपस्थित समाजजन, परिजन, रिश्तेदार और बुद्धिजीवियों ने की।
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