"चतुर्थ देवी माँ कुष्मांडा की वंदना"
सिंह की सवारी करतीं अष्ट हैं भुजाएँ जिनकी मुस्कान मधुरिम माता आदिशक्ति की ,
हर रोग और शोकों का समूल नाश कर देती निर्मल भक्ति माता आदिशक्ति की ,
दसों दिशाएं और दिनकर भी आलोक पाते जिससे वह शक्ति है माता आदिशक्ति की ,
चौथी देवी कहलाती माता कुष्मांडा हैं महिमा अपार जग में माता आदिशक्ति की ।।
- आरती अक्षय गोस्वामी
देवास मध्यप्रदेश
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