बेहतर समाज के निर्माण की आवश्यकता में युवाओं की भूमिका
आरती शाह, खंडवा।
समाज निर्माण का तात्पर्य क्या है। समाज में ऐसी सुन्दर व्यवस्था का निर्माण करना जिसमें की समाज में रहने वाला हर इंसान आबाद रूप से रह और अपनी बात रख सके। वर्तमान में समाज निर्माण की आवश्यकता की क्यों अतिआवश्यकता आन पड़ी है ? वर्तमान भारतीय सामाज में अन्याय, असमानता, जाति-धर्म भेदभाव आदि कई बुराईयो से ग्रस्त है। वर्तमान में भाषा,धर्म,प्रान्त आदि के भाव इतने प्रबल है जिन्हें हम लडाई - झगडे,आंदोलन आदि के रूप में देखते है और यह एक अच्छे समाज का लक्षण नही हो सकता है और इन सबका कारण अशिक्षा,अंधविश्वास दूर कर वैज्ञानिक दृष्टि लाना बहुत आवश्यक हो गया है। अब इन सब बुराइयों को अगर कोई मात दे सकता है इनसे लड़ सकता है वो है भारत का युवा जो एक बेहतर समाज का निर्माण कर उसे सही दिशा दे सकता है। हम सभी देख रहे है कि भारत एक विकासशील देश के साथ-साथ एक बड़ी जनसंख्या वाला देश है यहां लगभग आधी जनसंख्या युवाओं की है देश की लगभग 65 प्रतिशत जनसंख्या की आयु 35 वर्ष से कम है संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत सबसे बड़ी युवा आबादी वाला देश है यहां के लगभग 60 करोड़ लोग 25 से 30 वर्ष के हैं। इन्ही के कंधों पर समाज का भर है जो समाज को एक दिशा दे सकता है और कंही तरह के मानसिक,सामाजिक भ्रांतियों को मुँह तोड़ जवाब दे सकता है एक उदाहरण से समजाना चाहूंगी घटना गुजरात के सूरत शहर की है जब एक मृत गाय को दलित महिला के द्वारा नही ले जाया गया तो उसे पीटा गया ये जानते हुए की महिला गर्भ से है ऐसे कंही उदाहरण है जो हमे सोचने पर मजबूर कर देते है पर युवा जब तक आगे नही आएंगे इस भेदभाव के भेद को जब तक नही तोड़ेंगे तब तक ऐसी घटनाएं होती रहेगी। हाँ हम सभी जानते है कि यह कार्य बहुत कठिन है लेकिन एक अच्छे समाज के निर्माण के लिए इसकी शुरुआत होना आज बहुत आवश्यक हो गई है। हम सभी युवाओं को संकल्पित होकर आगे आने की आवश्यकता है इसकी शुरुआत हमें स्वयं से करने के साथ ही इसे इसे एक लम्बी आवधि तक निरन्तर उत्साह के साथ कार्य करने उसे बनाये रखने कि आवश्यकता है। वर्तमान में हमारे समाज में कंही चुनोतियाँ है जिनका मुकाबला किये बिना समाज की नव रचना सम्भव नही है। क्योंकि अँधेरे को लाठी के बल पर नही दिए के उजाले से दूर किया जा सकता है और ये सिर्फ युवा ही कर सकता है बस जरूरत है एक सोच की जो सबको साथ लेकर चल सके। अब समय आ गया है अगर युवा पीढ़ी आज नही जागी और समाज जाग्रति का कार्य नही किया तो आने वाली पीढ़ी के सवालों के हमारे पास जवाब नही रहेंगे।
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