राष्ट्रपिता के जीवन, आचरण और सिद्धांतों की सुरूचिपूर्ण व्याख्या, मल्हार स्मृति मंदिर में हुआ “गांधी कथा” का आयोजन

 


देवास। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 150वें जन्म वर्ष के अवसर पर संस्कृति विभाग तथा जिला प्रशासन के समन्वय से मल्हार स्मृति मंदिर में “गांधी कथा” का आयोजन किया गया। इस अवसर पर  कलेक्टर डॉ श्रीकान्त पाण्डेय,  मंत्री प्रतिनिधि मनोज राजानी, सीईओ जिला पंचायत शीतला पटले, अपर कलेक्टर नरेन्द्र सूर्यवंशी, एसडीएम अरविंद चौहान सहित जिला अधिकारी तथा बडी संख्या में श्रोतागण उपस्थित थे। कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर अतिथि द्वय कलेक्टर डॉ श्रीकान्त पांडेय व मंत्री प्रतिनिधि मनोज राजानी ने कथा वाचक डॉ शोभना राधाकृष्ण का पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया । वही संस्कृति विभाग के नोडल अधिकारी ने अतिथियों का पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया।
         गांधी कथावाचन सुप्रतिष्ठित गांधी चिन्तक, विचारक एवं गांधी कथा की कथाकार डॉ. शोभना राधाकृष्ण ने किया। उन्होंने गांधी कथा में महात्मा गांधी जी के दर्शन, विचार, आश्रम जीवन, दिनचर्या, संयम का नैतिक जीवन, नि:स्वार्थ सेवा, अपरिग्रह और एकादश व्रत, रचनात्मक कार्यक्रम और सत्याग्रह की व्याख्या की गई। कथा की समाप्ति गांधी जी के आशीर्वचन गांधी कथा धुन शुभ मंगल हो से हुई। गांधी कथा में दृश्य एवं काव्य का प्रस्तुतिकरण डॉ. रवि चोपडा ने किया तथा श्रीमती स्वाति भगत व दीपक भगत उनके साथियों ने मीरा के प्रभु गिरधर नागर, कहे कबीरा सुनो भाई साधु, उड़ जाएगा हंस अकेला जग दर्शन का मेला , वैष्णव जन तो तेने कहिये  भजन गाये और
"मन,  वाणी, कर्म में सत्य ही तू घोल जीवन में मंगल के द्वार दे तू घोल। मन कर्म  भक्ति का सम्यक विधान सत्य शिव सुन्दर का समधुर ज्ञान"। ना यह मेरा न यह तेरा  ईश्वर का राज है, ईश्वर का जल ईश्वरर का फल ईश्वर का ही अनाज है। लागी रे लगन लागी रे लगन सत्य अहिंसा में मन मेरा मगन। कोटि कोटि लोग गए मुक्त कंठ अभय गान बाधा बांध नष्ट होवे मुक्त होवे हिंदुस्तान। जाग नारी है भारत की नारी तिमिर हरने वाली चेतन चिंगारी गाज नारी है। गाधी कथा को भाव से सुनकर अन्तर को टटोले हम गीत गाये 
          उल्लेखनीय है कि सुप्रतिष्ठित गांधी चिन्तक, विचारक एवं गांधी कथा की कथाकार डॉ. शोभना राधाकृष्ण ने इस वर्ष भारत सहित दुनिया के तीस से अधिक देशों में 125 गांधी कथा कही है। डॉ. शोभना राधाकृष्ण मध्य प्रदेश में भोपाल, उज्जैन और इंदौर में  गांधी कथा का वाचन कर चुकी है। उन्होंने गांधी कथा में राष्ट्रपिता के जीवन, आचरण और सिद्धांतों की सुरूचिपूर्ण व्याख्या की।


 


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