कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा चना प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन, 65 किसानो ने लिया हिस्सा
देवास। कृषि विज्ञान केन्द्र देवास द्वारा चने की फसल पर ग्राम डकाच्या में प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया। जिसमें लगभग 65 किसानों, मैदानी कार्यकर्ता एवं अन्य निजी कंपनी के लोगों ने भाग लिया। कृषि विज्ञान केन्द्र देवास द्वारा ग्राम डकाच्या, नराना एवं जामगोद में चने की फसल की उन्नत किस्म कृपा (फुले जी-517) के प्रदर्शन लगाये गये। इस अवसर पर किसानों को कृषि विज्ञान केन्द्र देवास के कृषि वैज्ञानिकों द्वारा चने की किस्म की विशेषता एवं अन्य फसलों में नवीनतम तकनीक की जानकारी दी गई।
प्रक्षेत्र दिवस के दौरान केन्द्र के प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. ए.के.दीक्षित ने किसानों को चने की उन्नत किस्म जैसे कृपा (फु ले जी-517), जे.के.जी.-3, जे.के.जी.-5, आर.वी.जी.-203 इत्यादि को अपनाने पर जोर दिया, क्योंकि ये प्रजातियां उत्पादन देने के साथ-साथ कई रोगों एवं कीटों के प्रति सहनशील हैं। उन्होंनें किसानों से आग्रह किया कि किसान भाई उचित मात्रा में बीज एवं मिट्टी परीक्षण के आधार पर खाद एवं उर्वरक का उपयोग करें जिससे कि अधिक उत्पादन के साथ-साथ फसल लागत में कमी करके मुनाफा को बढ़ाया जा सके। केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ. निशिथ गुप्ता ने कृषकों को प्याज एवं लहसुन की फसल में लगने वाले प्रमुख कीट एवं रोगों के बारे में विस्तार से बताया एवं सही समय पर कीटनाषी छिड़काव करने की सलाह दी। कीट वैज्ञानिक डॉ.मनीष कुमार सचान ने चने में लगने वाले प्रमुख कीट एवं रोगों के बारे में विस्तार से बताया। डॉ.कुमार ने कीटनाषी दवा का छिड़काव करते समय मुंह में मास्क एवं दस्ताने पहनकर ही छिड़काव करने पर जोर दिया जिससे कीटनाषी के दुष्प्रभाव से बचा जा सकता है। विभिन्न फसलों में लगने वाले मित्रकीटों को संरक्षित करने की सलाह दी। कृषक श्री करण सिंह ने कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा दी गई चने की किस्म कृपा की विषेषताओं के बारे में बताया और साथ में कार्यक्रम में आये हुए सभी कृषकों को अपना खेत दिखाया। सभी किसानों ने लगाई गई किस्म को देखकर के उत्साहित हुए और अगली बार ये किस्म अपने खेतों में लगाने के लिए कहा। श्री टी.आर.परिहार, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी सोनकच्छ ने शासन द्वारा चलाई गई योजनाओं के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम के अंत में आभार डॉ.लक्ष्मी ने दिया।
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