गाय का पूजन सभी देवी देवताओं का पूजन :- पंडित चौरे सेमलिया वाले
गुड़ी:- खंडवा जिले के ग्रामीण क्षेत्र गुड़ी में गौ कथा के चलते कथा के तीसरे दिन पंडित चौरे ने गाय का महत्व बताया । जहां गाय का वास है वहां स्वयं गोपाल का वास होता है। गाय का महत्व प्राचीनकाल में तो था ही, पर वर्तमान युग में वैज्ञानिकों ने भी गाय से मिलने वाली हर वस्तु की उपयोगिता को स्वीकार किया है। यह बात 'उन्होंने कहा कि हम अपनी केवल आस्था व संवेदनाएं प्रकट करके गौ रक्षा के लिए अपना मत प्रकट करते हैं। पर हम वहां प्रकट क्यों नहीं करते हैं जहां प्राकृतिक आपदा को छोड़कर किसी की भी लापरवाही के कारण स्वस्थ गौवंश की अस्वाभाविक मौत हो जाती है। यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी होनी चाहिए कि हमने जिस गाय को दूध देने तक पाला उसे दूध न देने पर भी पालें। कुछ रुपयों के लिए कसाई अथवा गौ तस्करों को न बेचें। त्यौहारों पर गौपूजा करना या सेवा कर लेने से ही गौ रक्षा नही होती व्यास पीठका रामदास परते ने पूजन किया।
समस्त ग्राम वासियों ने कथा श्रवण करी एवं आस पास के भक्त भी पधारे ओर गौ कथा का महत्व समझा
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