एमपीपीएससी के गद्यांश से पंहुची आदिवासी समाज के सम्मान को ठेस,संस्था श्री एकलव्य ने सौंपा राज्यपाल के नाम से ज्ञापन
देवास- म.प्र लोकसेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा में भील जाति के संबंध में पुछे गये आपत्तिजनक गद्यांश के सम्बन्ध में राज्यपाल के नाम से ज्ञापन अनुविभागीय अधिकारी को सौंपा गया। संस्था श्री एकलव्य के द्वारा राज्यपाल के नाम से सौंपे गये ज्ञापन में कहा गया कि आदिवासी समाज प्रकृति प्रेमी होता है, उसके द्वारा जल, जंगल, जमीन की रक्षा करता है। एम पी पी एस सी के गद्यांश एवं प्रश्रो से आदिवासी समाज के सम्मान को ठेस पंहुचाई गई है। यह कृत्य मप्र लोक सेवा आयोग की संकुचित मानसिकता को दर्शाता है। आदिवासी समाज मांग करता है कि भविष्य में इस प्रकार के कृत्य की पुनरावृति नहीं हो। इस अवसर पर संस्था के सदस्य एवं समाज गण तुफान सिंह यादव, शुभम यादव, आकाश धायना, माखन रावत, श्याम दायमा, हिरालाल जी यादव, बनेसिंह रेटवा, गोलु यादव, सुनिल खेरिया, अनिल यादव, नारायण सिंह बरला, जगदीश, मेहरबान सिंह रेटवा, सालाग्राम रेटवा, आनंद कटारा, अभिषेक देवड़ा, शुभम देवडा समस्त समाज गण उपस्थित रहे।
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