शहर में संचालित हो रही फर्जी स्टॉक मार्केट की एडवाइजरी कंपनियां ! कौन कर रहा कंपनियों से लाखों की सेटिंग ? 

राहुल परमार 
देवास। शेयर मार्केट के बारे में आपने अक्सर टीवी पर अखबारों में और व्यवासयियों से पुछा या जाना होगा। इन लोगों को शेयर मार्केट में काम करवाने के लिए शहर सहित पूरे प्रदेशभर में काफी फर्जी कंपनियों को सेबी ने बंद करवाया था। बावजूद इसके कई फर्जी कंपनियां इस लाभ प्रलोभन के व्यवसाय में लोगों को चूना लगाने से नही चुक रहे हैं।


प्रलोभन का व्यवसाय कर रही कंपनियां 
एडवाइजरी में स्टॉक मार्केट से जुड़े गणित शेयर मार्केट में काम करने वाले लोगों को कंपनी के माध्यम से बताये जाते हैं जिससे उन्हें कुछ लाभ-हानि होता है। लाभ होने पर कंपनियां ग्राहकों को अपनी वेबसाइट के माध्यम से विभिन्न ऑफर देता है जिसमें कंपनी के अलग अलग रेट चार्ट होते हैं। यहां तक कि इन ग्राहकों के सामूहिम संपर्क की जानकारी डीमैट खातों के माध्यम से इन कंपनियों तक पंहुचता है। इन नंबरों के लिए कंपनियों के द्वारा मोटी रकम भी चुकाई जाती है। इससे स्पष्ट है डीमैट खाता खुलवाने के बाद किसी ग्राहक के दस्तावेज और गोपनीयता समाप्त हो जाती है। जैसे ही कोई नया ग्राहक इनके रेट चार्ट के अनुसार कोई प्लान लेकर इन्हें पैसा ऑनलाइन जमा करता है और उक्त ग्राहक को यदि ट्रेडिंग का कम ज्ञान होता है तो नियम विरुध्द ग्राहक के खातों का संचालन तक कंपनी के कर्मचारी करते हैं। 


शिकायत पर हो सकता है 25 लाख तक का जुर्माना और जेल 
कंपनियों को पंजीयन के लिए विभिन्न दस्तावेजों के सत्यापन और परीक्षाओं के बाद सेबी के द्वारा पंजीयन प्रमाण पत्र प्रदान किया जाता है । इस पंजीयन पत्र के पते के अलावा कहीं ओर संस्था या कंपनी का संचालन करने पर पंजीयन निरस्ती तक की जा सकती है। किसी भी ग्राहक के साथ यदि किसी कंपनी के माध्यम से गलत व्यवहार या ठगी की जाती है तो उक्त कंपनी को 25 लाख तक का जुर्माना भी सेबी कर सकती है। इसमें अपराध पंजीबध्द होने पर कंपनी के कर्मचारी/मालिक को जेल भी हो सकती है।
हो चुकी हैं कई कंपनियां बंद, छापों के बाद भी चलती है बिना पंजीयन के 
गौरतलब है कि पिछले वर्ष इन्दौर की कई मल्टियों में सेबी के छापों के बाद कई लोगों पर कार्यवाही की गई थी । इन लोगों की कंपनियों को बंद कर दिया गया था। एक दिन में सुचना मिलने के बाद कई कंपनियों से उस समय काम करना बंद कर दिया था। जैसे ही मामला शांत हुआ उक्त खुराफाती दिमागधारी लोग पुनः मार्केट में आ गए और कामकाज शुरु कर दिया। 


देवास में नही हुई अभी तक कोई कार्रवाई या हो जाती है सेटिंग ! 
 देवास में कई स्थानों पर एडवाइजरी कंपनियों के संचालन की सुचना है। इन एडवाइजरी कंपनियों ने केवल गुमाश्ता के नाम पर कंपनी डाल रखी है । इनके पास एडवाइजरी चलाने के लिए सेबी का पंजीयन प्रमाण पत्र भी नही है। वहीं कुछ लोग विशेष व्यक्ति की आड़ में ब्रोकर की फ्रेंचाइजी के नाम पर लोगों को ट्रेडिंग करवाते हैं। पिछले दिनों कैला देवी क्षेत्र में भी पुलिस द्वारा किसी कंपनी पर कार्यवाही की सुचना मिली थी । सुत्रों की माने तो उक्त कंपनी के कुछ लोगों को थाने पर भी बुलाया गया था । संभवतः दस्तावेजों के अवलोकन के बाद उन्हें छोड़ दिया गया हो लेकिन यदि वे लोग थोडे़ भी गलत होंगे तो सेटिंग के बिना तो छोड़ा नही होगा। इस बारे में खबर तो यह भी उड़ाई गई कि किसी वकील के माध्यम से लाखों की सेटिंग कर मामला रफा दफा कर दिया गया। मामले के बाद कंपनी भी संभवतः बंद हो गई। आखिर ऐसा क्या इंजेक्शन रक्षकों के आका ने लगाया कि एक साथ 25 लोगों का रोजगार ही छीन गया। खुद का काम बनता भाड़ में जाये जनता। आखिर इन कंपनियों पर कार्यवाही करने वाले मौन क्यो है ? या फिर लाखो की सेटिंग कर इन्हे इनके  स्तर पर अनुमति दी गई है।  आखिर कौन इनसे सेटिंग कर काम चलने दे रहा है ? यह अब भी प्रश्न का विषय बना हुआ है। 



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