मप्र लिपिको को अतिशीघ्र वेतन विसंगति का लाभ मिलेगा

देवास। मप्र लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारियो की वर्षाे से चली आ रही पुरानी वेतन विसंगति को दूर करवाने हेतु कई बार मांग पत्र के ज्ञापन दिए गए व हड़ताल की गई। लेकिन तत्कालीन सरकार द्वारा आश्वासन दिया जाता रहा। लिपिक की अेार कोई ध्यान नही दिया गया व मांग पूरी नही हुई। आज की स्थिति में लिपिको को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियो से भी कम वेतन प्राप्त हो रहा है। सभी सरकारो द्वारा अन्य वर्ग के कर्मचारियो की मांग पूरी की गई है, परंतु लिपिको के हित में कोई सकारात्मक निर्णय नही लिया गया। वर्तमान कांग्रेस सरकार द्वारा अपने घोषणा पत्र के बिंदु क्रमांक 47.20 में लिपिको के वेतन विसंगति (सापेक्षता बहाली) शिक्षको के समान वेतनमान करने की घोषणा पत्र में दिया गया। किंतु वर्तमान सरकार ने भी आज दिनांक तक लिपिको के हित में मांगो पर कोई ध्यान नही दिया। 

जिसके तहत देवास में दिनांक 24.06.2019 को नवनिर्वाचित मप्र लिपिक कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष एसएस राजपूत के सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि सज्जनसिंह वर्मा को बुलाया था। मंत्री वर्मा द्वारा कर्मचारियो को संबोंधित करते हुए मांगे पूरी करवाने हेतु पूर्ण रूप से आश्वासन दिया। इसके बाद आपकी सरकार आपके द्वार में आए मंत्री वर्मा व खेल एवं युवा मंत्री जीतु पटवारी को लिपिक कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष नरेन्द्रसिंह राजपूत के माध्यम से ज्ञापन दिया। मंत्रियो द्वारा पूर्ण लिपिको की मांगे पूरी करने का विश्वास दिया गया। इसके पश्चात रीवा संभाग के जिलो का प्रांताध्यक्ष श्री राजपूत ने भ्रमण किया। भ्रमण के दौरान कर्मचारियो से संपर्क किया गया तो ज्ञात हुआकि पूरे मप्र के लिपिक कर्मचारियो की मांग समझौता कर हमारी पूरी करने की जाहिर की गई। हम मांग पूरी करवाने के लिए प्रयासरत है। 25 अक्टूबर को छिंदवाड़ा पहुंचकर कर्मचारी संघ के पदाधिकारी द्वारा एक मत होकर अपना अपना सहमति पत्र मुख्यमंत्री को सौंपा। तभी मुख्यमंत्री ने अतिशीघ्र आदेश प्रसारित करने को कहा। आगामी मांग की मोहर लगाने हेतु सर्व सहमति से छिंदवाड़ा टीम व सतीष गोडाने को आदेश जारी करवाने का दायित्व सौंपा है। श्री गोडाने द्वारा सभी उपस्थिति में व कलेक्ट्रेट मीटिंग हाल में बताया गया कि शिक्षको को सातवां वेतनमान व लिपिको की वेतन विसंगति संबंधी फाईल एक साथ रखी गई थी। किंतु शिक्षको की फाईल पूरी होने से उनकी मांग पर मुख्यमंत्री द्वारा मोहर लगा दी गए है। किंतु लिपिको का सहमति पत्र नही होने से फाईल रूकी है। जब सहमति पत्र लग जावेगा तो सहमति पत्र अनुसार दिनांक 01.01.2006 तक पेपर  पर वैकल्पिक लाते हुए दिनांक 01.01.2006 से शिक्षको के समान वेतनमान लिपिको की मान्य की जावेगी। विश्वास है कि सरकार अपने घोषणा पत्र अनुसार हमारी मांग पूरी कर देगा। ऐसा हमे पूर्ण विश्वास है। 

 

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