तैराकों ने हिरली ग्राम के ग्रामीणों को बताए बाढ़ से बचने के उपाय
देवास। जिले के हाटपिपलिया विधानसभा का हिरली ग्राम व इंदौर जिले की सावेर तहसील का सिमरोल गांव नदी में पुल ना होने के कारण प्रदेश एवं देश के राजनीतिक मीडिया में चर्चा का विषय बन गया है परंतु कुदरत की एक मुसीबत के साथ ही इन परिस्थितियों ने हिरली ग्राम के बाशिंदों को मुसीबत का सामना करने की ताकत ईश्वर ने प्रदान की है क्योंकि नदी में साल भर पानी बहता है परंतु यहां के निवासियों का इस कारण इनकी रोजमर्रा की जिंदगी पर ज्यादा असर नहीं पड़ता है क्योंकि विपरीत परिस्थितियों का मुकाबला करने की हिम्मत यहां के छोटे से लेकर बुजुर्गों तब में है । ग्राम हिरली के निवासी कयूम पठान व सिमरोल गांव के निवासी दिलीप सिंह सर वह इस क्षेत्र के पूर्व विधायक स्वर्गीय बाबूलाल राठौर के सुपुत्र ,शिक्षक समाजसेवी अभय सिंह राठौर ने बताया कि हमारे गांव के बच्चे जो जुगाड़ की नाव पर बैठकर नदी पार करते है वह खतरे से खाली नहीं है इसलिए हमने बच्चों को तैरना सिखा दिया है ताकि अगर जुगाड़ की नाव पलट भी जाए तो बच्चे तैर कर नदी पार कर सकेइसी प्रकार यहां के किसान व इंदौर एवं सावेर में नौकरी करने वाले , दूध व सब्जी का व्यवसाय करने वाले लोग भी अगर नदी में बाढ़ का पानी भी होता है तो यह लोग अपना जीवन यापन करने के लिए नदी को तैर कर पार करते है। इस प्रकार की विपरीत परिस्थितियों ने इनको प्रोफाइल तैराक बना दिया है। हंसराज मंडलोई ने आगे बताया की पिछले शुक्रवार को जब दोनों जिलों के ग्रामीणों ने जब शिप्रा अपना रूद्र रूप धारण के हुए थी एवं ग्रामीण जन पुल की मांग को लेकर जान हथेली पर रखकर जल सत्याग्रह कर रहे थे तब इन गांव के तेराको ने कुछ ही समय में नदी को पार कर लिया। इनकी तैरने की गति बिजली के सामान थी जो देखते ही बनती थी। हंसराज मंडलोई ने मध्य प्रदेश शासन के खेल मंत्री जीतू पटवारी एवं दोनों जिलो के सांसद विधायक , प्रदेश सरकार के मंत्रियों एवं पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन व केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत से मांग की है कि अगर केंद्र व राज्य सरकार इन तैराकों को अगर प्रशिक्षण व प्रोत्साहन दे तो ये लोग देश व प्रदेश में इंदौर वह देवास जिले का नाम रोशन कर सकते है।
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