मिच्छामि दुक्कडम कहकर एक दूसरे से क्षमा याचना की , सिद्धितप के तपस्वियों की निकली भव्य शोभा यात्रा
मंदिर का वार्षिक द्वार उद्घाटन हुआ संपन्न, 8 सितम्बर को निकलेगी वार्षिक रथ यात्रा
देवास। श्री शंखेश्वर पाश्र्वनाथ मंदिर तुकोगंज रोड पर साध्वीजी सुधर्मगुणा श्रीजी की प्रेरणा से चल रहे 45 दिवसीय सिद्धितप की पूर्णाहूति हुई । इस अवसर पर तपस्वियों के पच्चखान की भव्य शोभा यात्रा निकाली गई। जिसमें तपस्वियों को चार आकर्षक बग्गियों में बैठाकर नगर भ्रमण करवाया गया। चांदी के सुसज्जित रथ पर विराजित होकर जिनेश्वर भगवान नगरवासियों को दर्शन दे रहे थे। विशाल जनसमुदाय को समेटे हुए यह शोभा यात्रा अनेक आकर्षणों से सुसज्जित थी। नवयुवक एवं नवयुवतियां प्रभु भक्ति के गीतों पर जमकर थिरके एवं नृत्य किया। शोभा यात्रा मार्ग में समाजजनों ने तपस्वियों का स्वागत किया एवं प्रभु के सम्मुख अक्षत की गहुल करके अगवानी की। नगर भ्रमण करके शोभा यात्रा पुन: शंखेश्वर पाश्र्वनाथ मंदिर पर पहुंची, यहां पर तपस्वी सम्मान एवं सामूहिक क्षमापना का आयोजन हुआ। जैन समाज के समाजजनों ने एक दूसरे से मिच्छामि दुक्कडम कहकर विगत वर्ष में मन वचन काया से हुई गलतियो के लिये क्षमा मांगी। प्रात 6 बजे मंदिर के द्वार उद्घाटन का भव्य आयोजन हुआ। जिसका लाभ मांगीलाल छगनीराम जैन परिवार ने प्राप्त किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में समाजजन उपस्थित थे।
ट्रस्ट मण्डल अध्यक्ष शैलेन्द्र चौधरी ने सामूहिक रूप से सभी से क्षमा याचना की। जिसके तहत पाश्र्वनाथ नवयुवक मंडल, भोजनशाला समिति, पाश्र्वनाथ म्युजिकल गु्रप , संस्था जय जिनेन्द्र , प्रभु अंग रचना मण्डल , महिला मंडल ,जित प्रज्ञा एवं आत्मवल्लभ सामायिक मण्डल , सुलसा बहु मण्डल , मंदिर सजावट मंडल , जित प्रज्ञा बालिका मण्डल , वर्धमान पाठशाला , माणिभद्र मण्डल , महावीर मंडल ,चंदना बालिका मंडल की तरफ से क्षमापना की गई। संचालन विजय जैन ने किया, स्वागत गीत दिव्या तरवेचा ने प्रस्तुत किया तथा आभार राकेश तरवेचा ने माना।
आगामी कार्यक्रम
आगामी कार्यक्रम के अंतर्गत 8 सितम्बर रविवार को प्रात 8.45 बजे वार्षिक रथ यात्रा निकाली जाएगी। इसके पूर्व 7.30 से 8.30 बजे तक श्री संघ की नवकारशी होगी एवं रथ यात्रा पश्चात मंदिर व्यवस्था संबंधित वार्षिक बोलिया बोली जावेगी। साधर्मिक भक्ति का भी आयोजन होगा।
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