मकान का नक्शा पास कराते वक्त नहीं देना होगा नाली रिपेयरिंग का शुल्क

देवास। पिछले दो साल से वसूला जा रहा नाली रिपेयरिंग का शुल्क अब शहरवासियों को नहीं देना होगा। यह शुल्क भवन निर्माण की अनुमति लेते वक्त नगर निगम में जमा करना पड़ता था। निगम यह शुल्क इसलिए लेता था ताकि मकान या किसी तरह का भवन बनाते वक्त नालियों में मलबा व अन्य मटेरियल गिरने से नाली क्षतिग्रस्त हो जाती थी, जिसे निगम को सुधरवाना पड़ता था। दरअसल, शहर में दो साल पहले नगर निगम ने एक नियम पारित किया था, जिसके तहत भवन निर्माण की अनुमति लेते वक्त प्लॉट या भवन मालिक से नाली रिपेयरिंग के रुपए जमा करवा लिए जाते थे। शुल्क प्लॉट की लंबाई के हिसाब से जमा करवा लिया जाता था। यह राशि दो हजार रुपए प्रति रनिंग मीटर की दर से एफडीआर के रुप में जमा करवा ली जाती थी। हालांकि भवन निर्माण कार्य पूर्ण होने पर यह निगम द्वारा मौका मुआयना के बाद लौटा दी जाती थी, लेकिन कई बार बड़े प्लॉट वालों को बड़ी राशि जमा करवाना पड़ जाती थी। छोटे प्लॉट वालों पर भी भार पड़ता था, जिसे लेकर निगम ने फैसला लिया कि अब इस तरह का भार आमजन पर नहीं डाला जाएगा। महापौर सुभाष शर्मा ने बताया कि दो सालों में कई गरीब वर्ग के लोगों से भी राशि जमा करवाई गई थी, उन्हें भी निगम द्वारा राहत दी जा रही है। जिस किसी की नाली रिपेयरिंग की राशि एफआरडी के रुप में नगर निगम में जमा है उसके लिए लोग निगम में आवेदन कर सकते हैं। आवेदन आने के बाद उस पर नियमानुसार कार्रवाई कर शुल्क लौटाया जाएगा।


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