कर्मो का क्षय करने के लिए तप आवश्यक है  - पं. प्रबल जी शास्त्री


देवास। पर्वाधिराज पर्यूषण पर्व के 7 वें दिन पंडित श्री प्रबल जी शास्त्री जी ने सोमवार को उत्तम तप धर्म के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि इच्छाओं का निरोध करना तप है।  जिस प्रकार सोने को तपाने पर वह समस्त मैल छोड़ कर शुद्ध हो जाता है और चमकने लगता है, जिस प्रकार सरोवर में रुका/जमा हुआ जल, सूरज की गर्मी में तपने के कारण सूखकर उड़ जाता है, उसी प्रकार सांसारिक विषय-भोगों की अभिलाषा से विरक्त होकर अनादि कर्म बंध से सिद्ध-स्वरुप निर्मल आत्मा को अनशनादि बारह प्रकार के तप से तपाकर कर्म-मल रहित करना, उत्तम तप धर्म है । इस तप से निर्जरा होती है।  कर्मों का क्षय करने के लिए तप करना आवश्यक है । तप का अर्थ है, ज्ञानपूर्वक आत्मा को कर्मों के बंधन से छुड़ाना। तप के 2 भेद है कुल 12 प्रकार के तप होते हैं । बहिरंग तप - अनशन, उनोदर, व्रत-परिसंख्यान, रस-परित्याग, विविक्त-शयनासन और काय-क्लेश।  अंतरंग तप - प्रायश्चित, विनय, वैयावृत्ति, स्वाध्याय, व्युत्सर्ग और ध्यान।  यद्यपि तप की प्रधानता मुनीश्वरों के ही होती है, किन्तु गृहस्थों को भी निरंतर तप करते रहना चाहिए । गृहस्थ भी यदि तप भावना भाता रहे तो रोगादि कष्ट आने पर उसे फिर डर नहीं लगता, इन्द्रियों पर विजय पा लेता है, तप का अभ्यास हो जाने के कारण वृद्ध अवस्था आने पर उसकी बुद्धि चलित नहीं होती, संतोष प्रवृत्ति प्रकट होती है, दीनता का अभाव हो जाता है, परलोक में स्वर्ग की प्राप्ति होती है, और आगे संसार सागर से पार लगता है। तीर्थंकर प्रकृति का बँध कराने वाली, 16 कारण भावनाओं में सांतवी है शक्तिस्तप भावना। शक्ति के अनुसार तप करने की भावना को शक्तिस्तप भावना कहते हैं. मुनीराज निरंतर तप करते हैं, यह भावना भाते हैं, किंतु गृहस्थ के आत्म-कल्याण के लिए भी यह परम-आवश्यक है. जो व्यक्ति निरंतर तप करते हुए चिन्त्वन करता है कि मैं अपने तप की निरंतर वृद्धि करूँ, वह शीघ्र ही इस संसार से पार पाता है । विचार करने वाली बात है, की जब उसी भव से मोक्ष जिनका सुनिश्चित था, ऐसे परमवंदनीय तीर्थंकर के जीवों को भी तप करना पड़ा, तो हम और आप यदि इस अत्यंत दुर्लभ मनुष्य जीवन में तप धारण नहीं करते, तो इसका अर्थ इस पर्याय को व्यर्थ गवाना ही है, और कुछ भी नहीं ।
प्रसन्न कुमार  की भजन संध्या में देर रात तक भक्ति मैं झूमते रहे भक्तजन
प्रवक्ता निलेश छाबड़ा ने बताया कि स्थानीय दिगंबर जैन श्रमण संस्कृति सदन नयापुरा पर रविवार रात्रि 9:00 बजे प्रारंभ हुई टीवी कलाकार  किशोर कुमार अवार्ड से सम्मानित  प्रसन्न कुमार एंड पार्टी जबलपुर  की भजन संध्या में सभी समाज जन देर रात तक भक्ति एवं नृत्य करते रहें भजन संध्या का प्रारंभ सर्वप्रथम नवकार मंत्र के भजन से हुआ एवं उसके पश्चात प्यारा भजन होती है जमाने में तेरे नाम की पूजा,  जिनवाणी बताती है तेरे धाम की पूजा गीत प्रारंभ हुआ जिस पर पुरुष वर्ग बहुत भक्ति भाव से नृत्य करने लगा एवं विशेष भजन दिल में नाम तेरा है तू भगवान मेरा है, मैं भक्त तेरा हनुमान सा तु राम मेरा है आकर्षक भजनों के साथ आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी, मुनि श्री 108 समय सागर जी, एवं मुनि श्री 108 योग सागर जी महाराज के ऊपर  गाया हुआ गीत  कैसे धरे मन मेरा धीरा की तीनों भैया निकल पड़े.....    गाया जिसे सुनकर कई लोगों की आंखों में आंसू आ गए इसके बाद जाजो जी कोटा बूंदी जाजो.... पर महिलाओं एवं बच्चियों द्वारा गरबा रास किया गया एवं विशेष ओ गुरु सा थारो चेलो बनु में हर पल तेरे साथ रहूं मैं....  भजन संपूर्ण समाज जनों द्वारा खूब सराहा गया जिस पर  सभी ट्रस्टियों ने खूब भक्ति की इसके पश्चात भजन संध्या रात्रि 12 बजे बजे समाप्त हुई एवं प्रसन्न कुमार का स्वागत मयंक मनोहर जैन, संजय कटारिया (सॉफ्ट एंड हार्ड), हुकमचंद छाबड़ा, इंदरमल पानोत, भरत चौधरी, मन्जू जैन,मनीषा बाफना ,अजय मूणत ,मनीष जैन, दीपक जैन ह्म्ह्लश, राजकुमार छाबड़ा, मनोहर जैन, पारस जैन इटावा, महेंद्र जैन इटावा, धीरेंद्र जैन, स्वयं प्रकाश सेठी, मुकेश जैन, राजेंद्र शुजालपुर, संजय भाईजी, संजय जैन उदय, विमल जैन, अंकित जैन, के सी जैन टाटा, संजय कटारिया एवं महेंद्र बाकलीवाल द्वारा किया गया संचालन महेंद्र जैन इटावा द्वारा किया गया एवं आभार अरविंद पानोत द्वारा व्यक्त किया गयाद्य
उक्त जानकारी देते हुए  प्रवक्ता  निलेश  छाबड़ा ने बताया कि सोमवार को पाश्र्वनाथ दिगम्बर जैेन मंदिर कवि कालिदास मार्ग पर श्रीजी की शांतिधारा का सौभाग्य पारस सतीश जैन इटावा परिवार एवं प्रीति शैलेंद्र जैन परिवार, आरती कुसुम महेंद्र जैन इटावा परिवार को का सौभाग्य प्राप्त हुआ। शाम को 108 दीपों से श्रीजी की भव्य आरती की गई जिसका सौभाग्य इंदरमल पानोत परिवार को प्राप्त हुआ । प्रवचन के पश्चात रात्रि 9:00 बजे  दिगंबर जैन सोशल ग्रुप पुष्प द्वारा आकर्षक एक मिनट प्रतियोगिता आयोजित किया गया, जिसमें समाजजनों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया एवं आज रात्रि में विकास जैन द्वारा आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम  का आयोजन किया जाएगा।


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