हिंदी हमारी मातृभाषा है, इससे मां की तरह प्यार करें और वैसा ही जुड़ाव रखें
-सांईनाथ मेमोरियल हायर सेकेण्डरी में मनाया गया हिन्दी दिवस
देवास। हिंदी हमारी मातृभाषा है, इससे मां की तरह प्यार करें और वैसा ही जुड़ाव रखें। दूसरी भाषाएं हमारे लिए मौसी की तरह हो सकती है और बेहतर भविष्य के लिए उनसे जुड़े रहना भी जरूरी है। मगर किसी भी कीमत पर हिंदी का मान कम करके नही। यह बात अतिथि वक्ताओ ने रचनात्मक कार्यों एवं विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में अग्रणी संस्था सांईनाथ मेमोरियल हायर सेकेण्डरी स्कूल में हिन्दी दिवस सप्ताह के अंतर्गत आयोजित कार्यक्रम में कही। हिंदी भाषा को लेकर हुए इस अनुपम कार्यक्रम में अतिथि रूप में ख्यात उपन्यास और कहानीकार डॉ. प्रकाश कांत, प्रेस क्लब अध्यक्ष श्रीकांत उपाध्याय एवं रचनाकार मोहन वर्मा थे। कार्यक्रम को देख अतिथि अद्भूत, आश्चर्यजनक, अकल्पनीय जैसे शब्दो से कार्यक्रम को सराहा। अतिथियों का स्वागत स्कूल संचालक शकील कादरी ने किया। कहानीकार डॉ. कांत ने कहा कि आज के इस कार्यक्रम में बच्चों की प्रस्तुति हिंदी के मान को बनाये रखने के लिए नई पीढ़ी द्वारा किये जा रहे प्रय्यासों की बानगी है जो निश्चित ही हिंदी के भविष्य को लेकर आश्वस्त करती है। रचनाकार वर्मा ने कहा कि बोलियों से भाषा है और भाषा से संस्कृति दिखती है। हम चाहे जितनी भाषाएँ सीखें, मगर हमें मातृभाषा हिंदी से मां की तरह जुड़कर प्यार करना है। श्री उपाध्याय ने कहा कि साईनाथ स्कूल परिवार का हिंदी भाषा के प्रति ये नवाचार प्रेरक है और बच्चों को हिन्दी से जुड़े रहने का अनुपम प्रयास है। कार्यक्रम की शुरुवात नन्हे नन्हे बच्चों द्वारा अक्षर और मात्रा ज्ञान पर आधारित नृत्य की प्रस्तुति से हुई। पश्चात विद्यार्थियो ने शब्द बनाना, हिन्दी भाषा पर रोचक नृत्य, हिन्दी के 9 रसो का सजीव चित्रण एवं हिन्दी को बचाने के लिए नुक्कड़ नाटक के माध्यम से वर्तमान एवं पूर्व के दादी-पोती के रिश्तो पर सजीव चित्रण किया। कार्यक्रम के अंत में छात्रा शमामा शकील ने ओजस्वी कविता पाठ कर अतिथियो एवं विद्यार्थियो को मंत्रमुग्ध कर दिया। साथ देशभक्ति गीत एवं छात्र रजत ने हिंदी को बचाने का संदेश दिया और छात्र-छात्राओ ने गीत, हिंदी की महिमा को लेकर दोहो, कविता और नृत्य की प्रस्तुतियां दी। कार्यक्रम का संचालन प्राचार्या श्रीमती मिशकात शकील ने किया और आभार स्कूल संचालक शकील कादरी ने माना।
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