20 दिन की बारिश में 22 हजार किसानों की फसल हुई खराब, 70 प्रतिशत सर्व पूरा
मुख्यमंत्री के निर्देश पर कलेक्टर को सौंपी रिपोर्ट
कटाई व उत्पादन गणना के बाद मिलेगा बीमा क्लेम सरकारी सहायता
खरगोन। जिलेभर में 20 दिन की अतिवृष्टि में सबसे ज्यादा कपास, सोयाबीन, मक्का फसलों को नुकसान हुआ है। कृषि, राजस्व विभाग के साथ बीमा कंपनियां सर्वे कर रही हैं। मंगलवार तक 70 प्रतिशत तक नजरी सर्वे पूरा कर लेने का दावा करते हुए कृषि विभाग ने मंगलवार को कलेक्टर गोपालचंद्र डाड को रिपोर्ट सौंपी है। रिपोर्ट में 22 हजार से ज्यादा किसानों की 24 हजार 892 हेक्टेयर फसलों की नुकसानी सामने आई है। सुस्त पड़े अफसर किसानों के हंगामे व मुख्यमंत्री कमलनाथ की सख्ती से रिपोर्ट बुलवाने सक्रिय हुई। प्रभावित किसानों का आरोप है कि फिलहाल सुस्ती से सर्वे हो रहा है। कई गांवों में टीमें भी नहीं पहुंची है। अफसरों की माने तो 20 दिन की अतिवृष्टि से रिकॉर्डतोड़ फसलें खराब हुई है। 2013 में अतिवृष्टि से फसलें खराब हुई थी। इसका आंकड़ा कम था। 15 दिन से जिलेभर में 210 टीमें सर्वे कर रही है। कसरावद के कमोदवाड़ा व सहेजला में मंगलवार को सर्वे हुआ। जिलेभर में 2 लाख 4 हजार 594 हैक्टेयर में कपास, 69 हजार हेक्टेयर में मक्का, 67 हजार 150 हैक्टेयर में मक्का, 3 हजार 617 हेक्टेयर मे मूंग व 1 हजार हेक्टेयर में उड़द की बोवनी हुई है। कपास के घेटे के अंदर नई कोपल फूट पड़ी है। मक्का में इल्ली का प्रकोप शुरू हो गया है।
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