कलेक्टर की अध्यक्षता में मक्का फसल का"फाल आर्मी वर्म" स्पोडोप्टेरा फ्युजपरडा के निदान की बैठक सम्पन्न
देवास। जिले में वर्तमान में वर्षा की लम्बी खेंच के चलते खरीफ फसलों में प्रकोप देखने में आ रहा है। कीट नियंत्रण हेतु कलेक्टर डॉ. श्रीकान्त पाण्डेय की अध्यक्षता में सोमवार को कलेक्टोरेट सभाकक्ष में बैठक आयोजित की गई। बैठक में कलेक्टर डॉ. पाण्डेय ने मक्का फसल को कीट से बचाव के लिए आवश्यक तैयारी करने के निर्देश दिएबैठक में उपसंचालक कृषि नीलम सिंह चौहान, कृषि वैज्ञानिक, सहित सहायक संचालक कृशि दिलीपकुमार जाट, अनुविभागीय कृशि अधिकारी लोकेश गंगराड़े एवं आरके वर्मा जिले के समस्त विकासखण्ड के वरिश्ठ कृषि विकास अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में उप संचालक कृषि नीलमसिंह चौहान ने बताया कि जिला स्तरीय डायग्नोस्टिक टीम द्वारा जिले में सतत निरीक्षण कर कृषकों को उक्त कीट के नियंत्रण हेतु सामयिक सलाह दी जा रही है। साथ ही प्रचार-प्रसार व एसएमएस के माध्यम से एवं विभाग के मैदानी अमले द्वारा क्षेत्र के कृशकों को उक्त कीट से निपटने के लिए समझाईष दी जा रही है। कीट वैज्ञानिक डॉ. मनीष कुमार ने बताया कि जिले के विकासखण्ड बागली एवं कन्नौद में मक्का की फसल में फाल आर्मी वर्म का आर्थिक क्षति स्तर से कम मात्रा में प्रकोप देखा गया है। उक्त कीट वर्षा न होने से एवं सूखे की अवस्था में तेजी से पनप सकता है। इस संबंध में विकासखण्ड कन्नौद के ग्राम बहिरावद में किसानों का प्रशिक्षण किया गया। किसानों को बताया कि कीट का प्रकोप होने पर इस कीट के नियंत्रण के लिए शुरूआती अवस्था में नीम तेल 5 मिली प्रति लीटर पानी के मान से एवं कीट के अधिक प्रकोप की अवस्था में स्पानेटोरम 11.7 प्रतिशत (एससी) दवा 100 मिली 200 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति एकड़ के मान से छिड़काव करने की सलाह दी गई। साथ ही कोराजन 250 एमएल प्रति हेक्टेयर के मान से छिड़काव करें एवं थायोमिथाक्जाम 12.6 प्रतिशत लेमडा सायहेलोथ्रिन 9.5 प्रतिशत का मिश्रण कर 125 एमएल प्रति हेक्टेयर य क्लोरेन्टनीलीप्रोल 18.5 एससी का 150 मिली.प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करने की सलाह दी।
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