दूध प्लाट में नहीं मिली साफ सफाई, कर्मचारियों का भी नहीं करा रहे थे मेडिकल चेकअप


फैक्टी में बन रहे डेयरी प्रोडक्टों की जांच करने पहुंची प्रशासन की टीम . देवास इन दिनों दूध डेयरी व प्लांटों पर प्रदेश शासन के निर्देश के बाद जिला प्रशासन की टीम निरीक्षण कर रही है। इसी कड़ी में बुधवार को इंडस्ट्री क्षेत्र में स्थिति अंबिका पैकिंग में जांच के लिए एसडीएम, तहसीलदार व खादय विभाग के अधिकारी पहुंचे। इस फैक्ट्री में निरीक्षण के दौरान साफ सफाई भी ठीक नहीं मिलने पर एसडीएम जीवनसिंह रजक नाराज हो गए, उन्होंने कहा ये क्या लगा रखा है, नालियों की तरफ इशारा कर उन्होंने फैक्ट्री संचालक को जमकर फटकार लगाई। फैक्ट्री में काम करने वाले कर्मचारियों की जानकारी लेकर एसडीएम ने इनके मेडिकल चेकअप के बारे में पूछा तो फैक्ट्री संचालक कोई जवाब नहीं दे पाए। साफ सफाई व अन्य कमियों को सुधारने के लिए एसडीएम ने सात दिन का समय दिया है। एसडीएम बोले कि सात दिन बाद फिर से निरीक्षण के लिए आऊंगा अगर ऐसी ही स्थिति मिली तो फिर आपका लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा। इन दिनों प्रशासन की टीम के निरीक्षण के चलते दूध व्यवसायियों में हड़कंप मचा हुआ है। ये पहली बार है कि जब दीपावली का सीजन छोड़कर बड़े स्तर पर चेकिंग की कार्रवाई की जा रही हो।


फैक्ट्री से लिया सैंपल भोपाल भेजा जाएगा


फैक्ट्री के अंदर दूध, घी व पनीर बनाया जाता है। इनके नमूने लेकर जांच के लिएभोपाल भेजा जाएगा। वहां से रिपोर्ट जिला प्रशासन के पास आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। निरीक्षण के दौरान दूध पावडर के सेंपल भी लिए गए हैं। एसडीएम रजक ने बताया कि भोपाल की लैब में जांच के बाद स्पष्ट हो जाएगा कि निर्माण में केमिकल का उपयोग तो नहीं किया जा रहा है। ऐसी कार्रवाई आगे भी करने की बात भी एसडीएम ने कही। दूध प्लाट में आग बुझाने के यंत्र भी व्यवस्थित नहीं मिले। जो एक सै?टी यंत्र कंपनी के अंदर मिला उसकी मियाद पूरी हो चुकी थी। दूध प्लाट तेजी से आग पकड़ते है, कईबार ये आग भीषण रूप धारण कर लेती है, लेकिन आग से निपटने के लिए गंभीर इंतजाम दूध प्लांट में नजर नहीं आए। __वर्जन- इंडस्ट्री क्षेत्र में अंबिका फैक्ट्री का निरीक्षण किया गया था। जांच के लिए यहां से दूध, पनीर, घी के सेंपल लिए हैं। यहां पर साफ सफाई भी कम मिली। पानी की गंदगी भी नजर आई। कर्मचारियों का मेडिकल चेकअप भी नहीं होता है। इन सभी खामियों को सात दिन में सुधारने का निर्देश दिया गया है। अगर ऐसा नहीं होता है तो फिर फैक्ट्री का लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा। दूध, घी, पनीर के सेंपल लेकर इन्हें जांच के लिए भोपाल भेजा जाएगा, वहां से रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।


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