आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में अल्पवर्षा निवारण तथा विश्वशांति हेतु चल रहे महायज्ञ

- जीवन रूपी नौका को गुरू रूपी पतवार ही संभाल सकती है-
- आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में अल्पवर्षा निवारण तथा विश्वशांति हेतु चल रहे महायज्ञ की पूर्णाहूति आज 
- गुरू पूर्णिमा पर किया आचार्य विद्यासागर जी का पूजन 



देवास। सभी संसारी जीव सुख चाहते हैैं, परंतु जिनके पास पुण्यरूपी चाबी होती है वही कर्मरूपी ताला खोलकर अपना जीवन सार्थक कर पाता है। पुण्य अर्जन हेतु विधि विधान पूर्वक प्रभु आराधना एवं गुरू का सानिध्य होने पर ही अनंतानंत कर्मो का क्षय होने के निमित्त बनते हैं। आज गुरू पूर्णिमा भी है जिसके जीवन में कोई गुरू नहीं उसका जीवन शुरू नहीं। जीवन रूपी नौका को गुरू रूपी पतवार ही संभाल सकती है। उक्त उद्गार पं. संजय जैन ने आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर अलकापुरी में व्यक्त किए। आपने बताया कि अहो भाग्य हमारे कि आचार्य शिरोमणि 10008 श्री विद्यासागरजी महाराज देवास जिले की जीवन दायिनी नर्मदा के किनारे नेमावर में चातुर्मास हेतु साक्षात विराजमान है। यह हमारा सौभाग्य है कि अष्टानिका पर्व की गुरू पूर्णिमा पर समस्त दिगम्बर जैन समाज को आचार्य श्री विद्यासागर जी का पूजन करने का अवसर प्राप्त हुआ। अनिल गोधा ने बताया कि आचार्यश्री द्वारा चलाए जा रहे जीवदया मिशन के अंतर्गत पश्चिम बंगाल स्थित 24 परगना के लिये समाज द्वारा राशि एकत्र कर भेजी गई। आज प्रात: 7.30 बजे अल्प वर्षा निवारण एवं विश्व शंाति हेतु आयोजित महायज्ञ में पूर्णाहूति दी जाएगी। उसके पश्चात 9.30 बजे नगर में श्रीजी की रथ यात्रा निकाली जाएगी।  पश्चात स्वामी वात्सल्य का आयोजन किया जाएगा। सिद्ध चक्र मण्डल विधान के पुण्यार्जक चंद्रकांता दोराया परिवार, शांतिधारा का लाभ आशीष रौनक जैन, एवं महेन्द्र कुमार सेठी को प्राप्त हुआ। 


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