स्वर्णिम संसार का संकलन
स्वर्णिम संसार का संकलन
थोड़ी धीर धरोधरणी धरती माँ
तेरे कदमों में सतयुग आ जाएगा
है नहीं वक्त ज्यादा कुछ ही वर्षो में
देश दुनिया का नक्शा बदल जाएगा
सतयुग आने से बीघा में सौ मन मिले
तीस बत्तीस में सोना भी बिक जाएगा
चूडिय़ों में भी हीरे बहुत जड़े जाएंगे
दूध घीं की सुधा धार बह जाएगी
सौर मण्डल से सोने का धूमकेतु मिले
लोहा निकल धातु भी मिल जाएगी
हिमालय से हीरे की खान मिलेगी
हर व्यक्ति अरबपति हो जाएगा
धर्म का राज भारत में छाएगा
सब में मानव सदाचार आ जाएगा
कोई भी भूखा नहीं रह पाएगा
ऐसा सुंदर सुगम वक्त आ जाएगा
जितने पापी कुकर्मी इस दुनिया में हैे
उनका नामो निशान भी न रह पाएगा
सारे संसार के संतों की है ये वाणी
सारे मानव का मेल भी धुल जाएगा
चेतो प्यारो चलो धर्म पर आ डटो
उस प्रभु की नबी की इबादत करो
वर्ना सतयुग के आने से पहले ही
बच्चा तेरा कचुमर निकल जाएगा
सूरज पूरब का पश्चिम से उग सकता है
दिन दहाड़े ग्रहण रात हो सकती है
जय गुरू देव दयाल की अटल है वाणी
काल भगवान भी सतयुग नहीं रोक पाएगा
- रामसिंह राजपूत
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