वन्यप्राणियों के लिए वन विभाग ने झिरी खोदी , महज 3 फीट पर निकला पानी
बेहरी। पूरे क्षेत्र में जलसंकट है। लोगों को पानी के लिए जद्दोजहद करना पड़ रहा है। मवेशियों व जंगली जानवरों को भी पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। वन विभाग द्वारा झिरी खोद कर पानी की व्यवस्था करने का कार्य किया जा रहा है। रविवार को बागली वन विभाग द्वारा भमोरी दक्षिण बीट के कक्ष क्रमांक 831 में वनरक्षक दिनेश बनेड़िया, प्रदीप सेन की उपस्थिति में झिरी खुदाई का कार्य किया गया। इस दौरान महज 3 फीट खुदाई करने पर ही पानी निकलने लगा। डिप्टी रेंजर नरेन्द्रसिंह ठाकुर ने बताया जिले व विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में झिरी खुदाई का कार्य भमोरी बीट में जारी है। रविवार को भी बावड़ीखेड़ा मुख्य मार्ग से कुछ दूरी पर जंगल के अंदर खुदाई कार्य किया जा रहा था। तभी पानी निकलने कि सूचना वनरक्षक द्वारा दी गई। मवेशियों व जंगली जानवरों के लिए इस स्थान पर पर्याप्त पानी की व्यवस्था हो जाएगीजानकारी मिलने पर आसपास के लोग भी देखने पहुंचे। ग्रामीणों का कहना है कि 500 से 1000 फीट तक ट्यूबवेल खनन करवाने के बाद भी पानी नहीं मिलता है लेकिन इस जगह पर महज 3 फीट पर पानी निकलना आश्चर्य है।
पानी की तलाश में जंगल से खेत में आया काला हिरण
निपानिया। यह फोटो जिले के निपानिया गांव का हैकाला हिरण (ब्लैक बक) पानी की तलाश में जंगल से खेतों की ओर आ गया। गांव में कुछ खेतों में किसानों ने जंगली जानवरों के लिए होज बना कर उनमें पानी भर कर रखा है। देवास जिला प्रदेश के उन 8 जिलों में शामिल है, जहां इस बार सामान्य से कम बारिश हुई है। इसके कारण जंगल के नदी, तालाब, नालों में पानी समय से एक महीने पहले ही सूख गया है। वन विभाग की वन्यप्राणी गणना के अनुसार जिले में 3000 काले हिरण हैं। सबसे ज्यादा खातेगांव क्षेत्र के जंगल में पाए जाते हैं। भारत में 1972 के वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत काला हिरण का शिकार प्रतिबंधित है। अभिनेता सलमान खान ऐसे ही काले हिरण के शिकार के आरोप में उलझे थे। वन विभाग के देवास एसडीओ एके श्रीवास्तव ने बताया-बारिश कम होने से इस बार वन्य क्षेत्र में पानी समय से पहले खत्म हो गया है। विभाग की ओर से नालों में झिरी खोदी जा रही है। कुछ जगह पानी निकला भी है।
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