कौन बनेगा सांसद पर असमंजस बरकरार, टिकिट के लिए घमासान जारी   

 ( मोहन वर्मा )


देवास शाजापुर सीट से इस बार सांसद का ताज किसके सर पर रहेगा ये रहस्य अभी तक बरकरार है और साथ ही टिकिट के लिए दावेदारों में घमासान जारी है । लोकसभा चुनावों में देवास शाजापुर सीट से अभी तक दोनों ही दलों ने अपने उम्मीदवार तय नहीं किये है । हालाँकि देवास में सातवें चरण का मतदान 19 मई को होना है मगर दोनों ही दलों में किसी एक नाम पर अब तक आम सहमती नही बन पा रही है ।


 यों तो कांग्रेस से कबीर गायक प्रहलादसिंह टिपानिया का नाम सबसे उपर चल रहा है मगर गुटबाजी में उलझी कांग्रेस में इस नाम पर आम सहमती नही है। यों तो चर्चाओं के अनुसार दिग्विजयसिंह के खाते से टिपानिया का नाम लगभग फायनल सा है क्योकि बीच में सज्जनसिंह वर्मा के पुत्र पवन वर्मा के नाम की चर्चा थी मगर उसपर पूर्णविराम सा लग गया है ।


भाजपा से सूरज कैरो, प्रेमचंद गुड्डू तथा चिंतामन मालवीय से लेकर मनीष सोलंकी, महेंद्र मालवीय, सुरेन्द्र वर्मा और राजेन्द्र वर्मा का नाम है और हर कोई अपने अपने स्तर पर भोपाल से लेकर दिल्ली तक अपनी दावेदारी मजबूत कराते फिर रहे है, मगर स्थानीय भाजपा का रूझान इनमे से किसी भी नाम के प्रति नही है। अगर स्थानीय लोगो से रायशुमारी की जाये तो इनमे से एक भी नाम पर लोग एकमत नही होंगे ।


इस बीच पूर्व सांसद थावरचन्द गेहलोत से लेकर अभी अभी सांसद रहे मनोहर ऊंटवाल के नाम भी चर्चाओं में है मगर चूँकि गेहलोत सार्वजनिक रूप से चुनाव नही लड़ने की घोषणा कर चुके है और ऊंटवाल खुद देवास शाजापुर सीट से स्तीफा देकर आगर से विधानसभा के लिए चुनाव लड़कर विधायक चुने गये है इसलिए इनकी सम्भावना भी कम ही दिखाई देती है ।


बहरहाल इस बार कांग्रेस में तो कम मगर भाजपा में घमासान ज्यादा दिखाई दे रहा है और जो भी बाहरी उम्मीदवार भाजपा की और से यहाँ आयेगा उसका मुकाबला कांग्रेस के स्थानीय उम्मीदवार कबीर गायक प्रहलादसिंह टिपानिया से होगा । दूसरा जो नाम भाजपा से सामने आ रहे है उनकी व्यक्तिगत छबि भी बड़ा असर करने वाली है । चर्चाओं के अनुसार यदि भाजपा की और से कोई दागदार छबि वाला उम्मीदवार सामने आता है तो जीती हुई मानी जा रही सीट पर जादूई बदलाव भी हो सकता है ।  


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