ईस्टर पर चिथड़े-चिथड़े मानवता

इंसान से अधिक असभ्य, क्रूर, डरावना और हिंसक प्राणि इस धरती पर दूसरा कोई नहीं है, जिसे दूसरे इंसानों की जान लेने में कोई झिझक नहीं होती। यह बात एक बार फिर साबित हो गई। रविवार को ईस्टर था, पूरी दुनिया में ईसाई धर्मावलंबी प्रभु यीशु के फिर से जिंदा होने के इस त्योहार को आस्था और खुशी के साथ मना रहे थे। कहा जाता है कि गुड फ्राइडे के दिन यानि जब ईसा मसीह को अज्ञानता के अंधकार को दूर करने के लिए कट्टर लोगों ने सूली पर चढाया, तब ईसा मसीह ने उनके लिए प्रार्थना करते हुए कहा था, हे ईश्वर! इन्हें क्षमा कर क्योंकि ये नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं। लेकिन आज चारों ओर जिस तरह का खून-खराबा और हिंसक खेल खेला जा रहा है, उससे तो यही लग रहा है कि जो लोग ये हिंसा कर रहे हैं, वे अच्छे से जानते हैं कि वे क्या कर रहे हैं और उन्हें न किसी धर्म की परवाह है, न किसी ईश्वर का डर। बल्कि वे तो इंसानों के बीच डर के कारोबार को बढ़ाने में लगे हैंजितना अधिक ये डर बढेगा, उतना ज्यादा दुनिया में उनका वर्चस्व बढ़ेगा। तभी तो कभी किसी संगीत के जलसे में बम धमाका होता है. कभी स्कल में मासम बच्चों पर गोलियां चलाई जाती हैं, कभी मस्जिद में अंधाधुंध गोलियां बरसाई जाती हैं तो कभी चर्च पर हमला होता है। ताजा घटना श्रीलंका की है, जहां रविवार को ईस्टर के मौके पर 8 सिलसिलेवार बम धमाके हुए। इनसे न केवल यह सुंदर देश दहला बल्कि पूरी दुनिया दहल उठी। इन धमाकों में अब तक करीब 290 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 500 लोग घायल हो चुके हैं। इस सिलसिले में अब तक 24 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। हालांकि इस मामले में खुफिया एजेंसियों का शक कई संगठनों पर है, लेकिन शक के दायरे में पहले नंबर पर तौहीद जमात ही हैं। जो तमिलनाडु में भी सक्रिय है। श्रीलंका में ये बम धमाके ठीक उसी तरह किए गए हैं, जैसे कि 2016 में ढाका में होली आटिशन बेकरी पर आत्मघाती हमला किया गया था। उस हमले में स्थानीय युवकों की संलिप्तता पाई गई थी, लेकिन उन्हें ट्रेनिंग इस्लामिलक स्टेट (आईएस) ने दी थी। श्रीलंका में जो हमले हुए हैं, अभी उनका सच उजागर होना बाकी है। वैसे जानकारी के मुताबिक, श्रीलंका पुलिस के मुख्य अधिकारी ने 10 दिन पहले अलर्ट किया था कि देशभर के मुख्य चर्ची में ऐसे हमले हो सकते हैं। वहां के सीनियर अधिकारियों को यह चेतावनी पुलिस चीफ पूजुथ जयसुंद्रा ने 11 अप्रैल को दी थी। श्रीलंका ने बरसों__ बरस तमिल-सिंहली संघर्ष, लिट्टे की आतंकी गतिविधियों को देखा और उसका नुकसान उठाया है। 10 साल पहले 2009 में लिट्टे को पूरी तरह खत्म करने का दावा श्रीलंका सरकार ने किया, तो ऐसा लगा कि अब वहां शांति कायम होने में कोई अड़चन नहीं आएगी। लिदे के खात्मे के बाद व्यापक हिंसा की घटनाएं तो नहीं हुईं, लेकिन राजनैतिक अस्थिरता का दौर चलता रहा। चीन ने भी इस दौरान श्रीलंका पर अपना प्रभाव बनाने की परी कोशिश की। अभी भी वहां राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरिसेना और प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के बीच खींचातानी चलती ही रहती है। इस तरह की उथल-पुथल का बेजा लाभ __ अशांति और अस्थिरता फैलाने वाले लोग उठाते ही हैं और इस बार इंसानियत के दुश्मनों ने यह काम किया है। एक धर्मविशेष के लोगों को निशाना , बनाकर आम जनता के सौहार्द्रपूर्ण, शांत जीवन में जहर घोलने का आजमाया नुस्खा एक बार फिर श्रीलंका में दोहराया गया है। श्रीलंका में जब-जब इस तरह की वारदात हुई है, उसका असर पड़ोसी देश भारत पर भी पड़ा है। इसलिए इस बार चुनाता केवल श्रीलंका के लिए नहीं बल्कि भारत के लिए भी है। क्योंकि देश में धर्म और जाति के नाम पर हिंसा, अल्पसंख्यकों के प्रति पूर्वाग्रह, दुराग्रह बढ़ रहा है। एनआईए, सीबीआई जैसी संस्थाएं अपराध की जड़ तक पहुंचने और अपराधियों को पकड़ने से अधिक राजनीतिक दलों के हाथों लाचार साबित हो हो रही हैं। यह स्थिति राजनैतिक दलों के लिए मुफीद हो सकती हैं, देश के लिए कतई नहीं। श्रीलंका की घटना के बाद देश के कई शहरों में हाई अलर्ट लगा दिया गया है, लेकिन जनता को यह सोचना चाहिए कि क्या इतना काफी है।


Comments

Popular posts from this blog

हाईवे पर होता रहा मौत का ख़तरनाक तांडव, दरिंदों ने कार से बांधकर युवक को घसीटा

7 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ धराये तहसीलदार, आवेदक से नामांतरण के लिये मांग रहे थे रिश्वत ! Tehsildar caught red handed taking bribe of Rs 7 thousand, was demanding bribe from the applicant for name transfer!

फ्रीज में मिली महिला की लाश संबंधी सनसनीख़ेज़ अंधे क़त्ल का 10 घंटे में पर्दाफ़ाश, 5 साल लिव इन में रहने के बाद घोंट दिया पिंकी का गला ! 10 माह से रखा था फ्रिज में महिला का शव !