दृष्टिीहीनों की सुविधा के लिए हर बटन के सामने अब ब्रेल लिपि में भी दर्शाया जाएगा
देवास। आप सभी मतदान की बारीकियों को अच्छी तरह से समझ लें। कोई भी शंका हो तो मास्टर ट्रेनरों से चर्चा कर उसका निराकरण कर लें। निर्वाचन एक बड़ी चुनौती है, लेकिन उसे अच्छी तरह से समझ लेंगे तो यह सुगम हो जाएगी। उक्त निर्देश कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. श्रीकान्त पाण्डेय ने मंगलवार को शासकीय नवीन विज्ञान महाविद्यालय में मतदान दलों के पीठासीन व मतदान अधिकारियों के प्रशिक्षण के प्रथम दिन कही। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक चंद्रशेखर सोलंकी, मास्टर ट्रेनर डॉ. समीरा नईम एवं अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे। प्रशिक्षण में कलेक्टर डॉ. पाण्डेय ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे मतदान प्रक्रिया को अच्छी तरह समझ लें। ईवीएम व वीपीपेट मशीन को संचालित कर देख लें और यदि कोई कठिनाई तो इसका निवारण भी कर लें। प्रशिक्षण के दौरान मतदान संबंधी प्रक्रिया को बारीकी से समझाया गया। पीठासीन अधिकारी व मतदान अधिकारियों को उनके कर्तव्यों के बारे में विस्तार से बताया गया। प्रशिक्षण में बताया गया कि पीठासीन अधिकारी मतदान को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए उत्तरदायी होगा। मतदान केंद्र पर नियंत्रण व अनुशासन बनाकर रखेगा। मतदान केंद्र के 100 मीटर व 200 मीटर दायरे की व्यवस्था सुनिश्चित करेगा। सेक्टर अधिकारी व रिटर्निंग अधिकारी से सतत संपर्क बनाकर रखेगा। मतदान अधिकारी क्रमांक-1 के पास चिंहित प्रति रहेगी। वे मतदाता का नाम पुकारेंगे व पहचान सुनिश्चित करेंगे। मतदान अधिकारी क्रमांक-2 के पास प्रारूप 17 (क) में रजिस्टर रहेगा, जिसमें वह मतदाता की विभिन्न इंट्रियां करेगा तथा हस्ताक्षर/अंगूठा का निशान लेगा। मतदाता को पर्ची बनाकर देंगे तथा बाएं हाथी अंगुली में स्याही लगाएंगे। मतदान अधिकारी क्रमांक-3 कंट्रोल यूनिट का प्रभारी होगा, वह मतदाता पर्ची एकत्रित करेगा तथा कंट्रोल यूनिट से बटन दबाकर बैलेट इश्यू करेगा। मास्टर ट्रेनर ने प्रशिक्षण में बताया कि मॉकपोल मतदान से एक घंटे पूर्व शुरू होगा। मॉकपोल मतदान अभिकर्ताओं से समक्ष किया जाएगा। यदि मतदान
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