22 माह में 300 किमी के बजाय 40 किमी ही डल पाई पाइपलाइन, 1 माह से काम ठप, मई में पूरी होगी मियाद
नपा सीएमओ ने वीसी में शिकायत की, पीआईयू को 3 माह में 3 पत्र भेजे पर सब बेअसर
खरगोन। 114.94 करोड़ रुपए की जलावर्धन योजना के निर्माण में देरी हो रही हैनिर्माण एजेंसी को मई 2019 में काम पूरा करना था लेकिन अब तक 40 किमी की पाइप लाइन ही शहर में डली है। जबकि 300 किमी की लाइन डाली जानी है। धीमे काम को लेकर नगर पालिका के सीएमओ ने नगरीय प्रशासन विभाग के अफसरों की वीडियो कांफ्रेंसिंग में शिकायत की हैपाइप लाइन का काम एक माह से ठप पड़ा है। जलावर्धन योजना की निर्माण एजेंसी मेसर्स जेएमसी प्रोजेक्ट्स (इंडिया) लि. व रामकी इंफास्ट्राक्चर लि (जेवी) मुंबई है। कंपनी ने जुलाई 2017 में निर्माण संबंधी अनुबंध किया था। इसके तुरंत बाद से ही कंपनी ने कर्मचारियों को यहां नियुक्त कर काम शुरू करवा दिया था। कंपनी को मई 2019 तक पूरा करना था। योजना की क्रियान्वयन एजेंसी पीआईयू है। योजना के क्रियान्वयन इंदौर के अफसर ही कर रहे हैं। जल कार्य प्रभारी अिधकारी केके जोशी ने बताया नगर पालिका ने बीते 3 माह में निर्माण को गति देने के लिए पीआईयू व संबंधित कंपनी को 3 पत्र लिख चुके हैं। सालभर जलसंकट से जूझना पड़ेगा - शहरवासी पेयजल समस्या से ग्रसित है। एक दिन छोड़कर पेयजल सप्लाय हो रहा है। योजना के समय रहते पूर्ण होने से 24 घंटे पानी मिलेगा। इस योजना के क्रियान्वयन का पूरा शहर इंतजार कर रहा है। धूल से लोगों को बीमारी का खतरा, लागत भी बढ़ेगी - योजना की धीमी रफ्तार से सबसे बड़ी समस्या धूल की आएगी। सीवरेज लाइन के साथ ही यदि जलार्वधन की पाइन लाइन डाल जाएगी तो शहरवासियों को धूल से परेशान नहीं होना पड़ेगा। सीवरेज की समस्या से निजात मिलने के बाद फिर पाइप लाइन के गड्ढों से जूझना पड़ेगा। जलार्वधन योजना में रईपुरा क्षेत्र में अतिक्रमण, हाउसिंग बोर्ड व पीएचई की जमीन देरी से मिली व मास्टर कॉलोनी में कुएं के कारण पूरी डिजाईन बदलना पड़ा इसमें थोड़ा समय लगा। बारिश में काम प्रभावित हुआ। मजदूर भी कंपनी को नहीं मल रहे हैं।
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