रिटायर्ड एसआई पिता की वर्दी पहन ट्रेन से चुराए थे 3 करोड़डेढ़ करोड़ जब्त, मास्टर माइंड भोपाल निवासी अब भी फरार
खंडवा। महानगरी एक्सप्रेस में इटारसी से दादर मुंबई की यात्रा कर रहे तीन युवकों से 13 मार्च को स्लीपर के दो कोच से 3 करोड़ 5 लाख 14 हजार लूटने वाले गिरोह को जीआरपी ने पकड़ लिया। मास्टरमाइंड मेकटेल कंपनी का कर्मचारी निकला, जो फरार है। पकड़े गए चार आरोपियों से लूट के 1 करोड़ 51 लाख रुपए जब्त कर लिए। आरोपी ने अपने रिटायर सब इंस्पेक्टर पिता की वर्दी पहनी थी, जबकि दो युवक सिपाही की भूमिका में थे। हालांकिजीआरपी यह बात स्पष्ट नहीं कर पाई है कि आखिरकार इतनी बड़ी रकम कैश में क्यों भेजी जा रही थी। खंडवा जीआरपी थाना प्रभारी बीएस कौरव ने बताया दोनों ही मामले मेकटेल कंपनी के ही हैं। स्टेशन पर आरोपियों के मिले सीसीटीवी फुटेज के आधार पर चार आरोपियों को गिरफ्तार किया। चारों ने पूछताछ में कंपनी के ही कर्मचारी मोनू सिंधी द्वारा पूरे प्रकरण की व्यूहरचना की जानकारी दीभोपाल निवासी मोनू सिंधी अभी फरार है। उन्होंने बताया दमोह निवासी अक्षय कुंदवानी एवं उसके भाई देवेशसंजय जाटव और नारायण आहूजा को पकड़ गया है। मुंबई की मेकटेल कंपनी ने रकम को अपनी बताया है। कंपनी के संचालक ने पुलिस को बताया कि उन्होंने 13 करोड़ रुपए निकाले थे। दोनों फरियादी उसकी कंपनी में कैशियर का काम करते हैं। अक्षय पूर्व में संजय के साथ काम कर चुका है। चोरी के बाद दोनों ने करोड़ों रुपए की रकम अपने घर के हर कोने में छिपा रखी थी। इसके साथ ही उन्होंने एक तांत्रिक को 15 लाख रुपए देकर कोई ऐसा उपाय करने की बात कही थी, ताकि पुलिस उन तक नहीं पहुंच पाए। एडीजी के मुताबिक वारदात में शामिल संजय रिटायर सब इंस्पेक्टर का बेटा है। करीब दस साल पहले उसके पिता राजगढ़ जिले से रिटायर हुए हैं। वारदात के समय उसने अपने पिता की वर्दी पहन रखी थी। संजय और अक्षय इंदौर की एक कंपनी में काम करते हैं। देवेश की दमोह में सीमेंट की दुकान है। जबकि नारायण इटारसी में चाट का ठेला लगाता है। __मोनू, अक्षय, नारायण और देवेश आपस में रिश्तेदार हैं। मोनू के एक दोस्त चिंटू ने ही जानकारी दी थी कि महानगरी एक्सप्रेस में हवाला के जरिए रकम जा रही है। अनुमान है कि चोरी की बाकी रकम मोनू के पास हो सकती है। 13 मार्च को महानगरी एक्सप्रेस में 5.14 लाख रुपए की चोरी की रिपोर्ट 19 मार्च को भोपाल निवासी विकास ने जीआरपी खंडवा में दर्ज कराई थी। वहीं अहमदाबाद निवासी पीड़ित मेहुल पटेल ने भी 13 मार्च को महानगरी एक्सप्रेस में ही 3 करोड़ रुपए चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराई। दोनों ने पुलिस के भेष में आए चोरों का जिक्र किया था। मेहुल ने इस मामले की रिपोर्ट 26 मार्च को दर्ज कराई थी। आरोपियों के पास से जब्त 1.51 करोड़ रुपए पुलिस को हवाला की होने का संदेह है। आगे की जांच एसटीएफ और इनकम टैक्स को सौंपी जाएगी। एडीजी रेल अरुणा मोहन राव ने बताया कि भीमनगर, जहांगीराबाद निवासी विकास यादव ने पुलिस को बताया कि वह चेतन सेठ के यहां काम करता है। वह 12-13 मार्च को महानगरी एक्सप्रेस के कोच नंबर एस-10 में इटारसी से मुंबई के लिए रवाना हुआ था। चेतन सेठ ने पांच लाख रुपए मुंबई में कीर्ति भाई तक पहुंचाने के लिए दिए थे। यात्रा के दौरान एक एसआई और दो सिपाही की वर्दी पहने तीन लोग उसके पास पहुंचे, जबकि उसके दो अन्य साथी सादे कपड़ों में था। कथित सब इंस्पेक्टर उसे बातों में उलझाकर गेट के पास लेकर गया। तभी उनके साथियों ने बैग गायब कर दिया था। विकास का कहना था कि चेतन सेठ भी अपने स्तर पर बैग की तलाश कर रहे थे, जिस कारण शिकायत देरी से की।
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