जिला शिक्षा अधिकारी की उच्च स्तरीय जांच हो आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय को की शिकायत

देवास। भारतीय जनता पार्टी पूर्व जिला महामंत्री एवं देविप्रा पूर्व उपाध्यक्ष दुर्गेश अग्रवाल ने आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय से जिला शिक्षा अधिकारी चंद्रभानसिंह केवट के विरूद्ध अनियमितता की जांच कर कार्यवाही करने की मांग की है। श्री अग्रवाल ने बताया कि 1 मार्च 2019 से कक्षा 10 वीं एवं 12 वीं की बोर्ड परीक्षाएं संचालित की जा रही है। विश्वस्त सूत्रों से ज्ञात हुआ कि देवास के जिला शिक्षा अधिकारी चंद्रभानसिंह केवट एवं परीक्षा प्रभारी राहुल निलोत्से सहायक ग्रेड 3 द्वारा बड़े पैमाने पर अनियमिताएं की गई है। माध्यमिक शिक्षा मण्डल भोपाल द्वारा बोर्ड परीक्षाओं हेतु जो केन्द्राध्यक्ष एवं सहायक केन्द्राध्यक्ष नियुक्त किए गए थे उनमें से जिला शिक्षा अधिकारी देवास द्वारा 60 से 70 प्रतिशत तक केन्द्राध्यक्ष एवं सहायक केन्द्राध्यक्ष परिवर्तित कर दिए गए है जिसमें जिलाधीश का अनुमोदन नहीं लिया गया या लिया भी गया है तो केवल कुछ नामों का ही अनुमोदन लिया गया है। इससे यह प्रतीत होता है कि जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा कलेक्टर को भ्रम में रखकर बडे पैमाने में संशोधन कर भ्रष्टाचार किया गया है। साथ ही बडे पैमाने पर लेनदेन किया गया है। इस प्रकार जिला शिक्षा अधिकारी देवास द्वारा माध्यमिक शिक्षा मण्डल बोर्ड के नियमों एवं उसकी अधिकृत सूची को ताक में रखकर वरिष्ठ कार्यालय के आदेशों की अवमानना भी की गई है। जिला शिक्षा अधिकारी एवं परीक्षा प्रभारी द्वारा अनेक परीक्षा केन्द्रों पर हाई स्कूल एवं हायर सेकण्डरी स्कूल के शिक्षकों की ड्यूटी माध्यमिक विद्यालय शिक्षक बताकर पर्यवेक्षक के रूप में ड्यूटी लगाई गई है। जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा नियम विरूद्ध विकासखण्ड कार्यालय में पदस्थ राहुल निलोत्से सहायक ग्रेट 3 जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में बिना वरिष्ठ कार्यालय के अनुमोदन के जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के आसंजित कर उसे परीक्षा सतर्कता मदरसा जैसे महत्वपूर्ण कार्य दे रखे है। इसी लिपिक के साथ मिलकर बोर्ड परीक्षाओं में भ्रष्टाचार कर बड़े पैमाने पर केन्द्राध्यक्ष एवं सहायक केन्द्राध्क्ष बदल दिए गए हैं। श्री अग्रवाल ने मांग की है कि शिक्षा अधिकारी चंद्रभानसिंह केवट एवं परीक्षा प्रभारी राहुल निलोत्से सहायक ग्रेड 3 के विरूद्ध उच्च स्तरीय जांच करवाई जाकर संबंधितों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाए ताकि भविष्य में कोई भी अधिकारी वरिष्ठ कार्यालयों के आदेश की अव्हेलना न कर सके। अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाए ताकि भविष्य में कोई भी अधिकारी


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