दो पति लेकिन अंतिम संस्कार करने कोई नहीं आया, तीन दिन बाद पुलिस ने किया

अंतिम समय आने पर हर कोई उसे कंधा देने के लिए राजी हो जाता है लेकिन अपने करीबी होने के बाद भी उसे अंतिम विदाई देने से मना कर गए तो सरकारी कर्मचारियों ने उसे अपना समझकर अंतिम विदाई दी। कुछ ऐसा ही मामला बैड़िया थाने पर सामने आया। एक महिला के दो पति होने के बाद भी उसके अंतिम संस्कार के लिए नहीं पहुंचे तो बैडिया टीआई ने महिला का अंतिम संस्कार कर श्रद्धांजलि अर्पित की। बैडिया चौकी प्रभारी रामसिंह मेडा ने बताया 16 मार्च की शाम करीब 6.30 बजे सेल्दा में शीलाबाई (30) ने अपने ही घर में साड़ी का फंदा बनाकर आत्महत्या कर ली। इसकी सूचना मिलने पर मौका मुआयना कर जानकारी एकत्र की। इस पर लोगों ने बताया शाम को शीलाबाई घर पर अकेली थी। उसकी लड़की लक्ष्मी बाहर बर्तन साफ कर रही थी। शीलाबाई ने घर में अंदर से दरवाजा बंद कर रखा था। लड़की ने दरवाजा खटखटाया तो उसकी मां ने नहीं खोला। आसपास के लोगों ने भी प्रयास किया लेकिन महिला ने दरवाजा नहीं खोला। इस दौरान उसका पति शिवनाथ अपने बच्चे को लेकर पहुंचा। उसने व अन्य ग्रामीण सेवकराम ने दरवाजे की खिड़की तोड़कर घर में प्रवेश किया। उसने देखा की शीलाबाई ने साड़ी का फंदा बनाकर फांसी लगा ली हैउसने शीलाबाई को नीचे उतारकर सेठ से रुपए लेने का कहकर वहां से चला गया, जो आज तक नहीं लौटा। सूचना पर पुलिस पहुंची। दूसरे दिन 17 मार्च को वैज्ञानिक अधिकारी सुनील मकवाने व कार्यपालिका दंडाधिकारी सुखदेव डावन ने मौके पर पहुंचकर पंचनामा बनाया। बैडिया अस्पताल में पोस्टमार्टम किया। परिजनों के इंतजार में शव को रख दिया गया। इस दौरान पुलिस ने घर में छानबीन की तो उन्हें कॉपियों में नंबर मिले लेकिन उससे कोई जानकारी नहीं मिली। महिला के आधार कार्ड के आधार पर पुलिस ने झारखंड के बरवाहडी के थाना प्रभारी से मोबाइल पर चर्चा करजानकारी ली। इसमें पुलिस को शीलाबाई की भाभी चंपारानी से बात हुई। जिसने पुलिस को बताया कि शीलाबाई ने घर से भाग कर शिवनाथ से दूसरी शादी कर ली थी। उसके पहले पति का नाम अजय पासवान था। अजय से फोन पर चर्चा करने पर उसने बताया वह दूसरे से शादी कर भाग गई थी। उसकी मौत की सूचना पुलिस ने अजय को दी। अजय ने कहा मैं अभी केरल में मजदूरी कर रहा हूं। मेरे पास रुपए नहीं है। रुपए एकत्र कर मैं अपने दोनों बच्चों को लेने आऊंगा। इस पर पुलिस ने दोनों बच्चों की जिम्मेदारी चौकीदार व सरपंच को सौंपी।


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