स्वास्थ्य विभाग की टीम ने हॉस्पिटलों का किया निरीक्षण

कहीं बायोमेडिकल वेस्ट निपटान की व्यवस्था नहीं, तो कहीं निडिल हब कटर ही नहीं मिला



• देवास स्वास्थ्य की माने तों नर्सिंग होम के निरीक्षण नियमित रुप से होना चाहिए। लेकिन मंगलवार को पहली बार था जब स्वास्थ्य विभाग की टीम ने दो-तीन से अधिक डॉक्टर शामिल थे। इस बार निरीक्षण की जानकारी मीडिया को भी दी गई। जबकि आज से पहले दो या तीन डॉक्टरों के साथ टीम निरीक्षण कर आती थी और इसकी जानकारी कि सी को होती भी नहीं थी। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने विनायक हॉस्पिटल, प्राइम हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेटर और सलूजा नर्सिंग होम का निरीक्षण किया। तीनों जगहों पर कुछ न कुछ कमियां सामने आई। जिन्हें लेकर सीएमएचओ डॉ. सरल ने कमियां पूरा करने को लेकर निर्देश जारी किए गए हैं।


विनायक हॉस्पिटल में लिफ्ट में फंसे


सिविल लाइन रोड स्थित विनायक नर्सिंग होम में निरीक्षण करने से पहले ही टीम मसीबत में फस गई जब लिफ्ट ऊपर उठते ही बंद हो गई। जिससे टीम लिफ्ट में फंस गई, करीब पांच मिनट बाद कर्मचारी ने लिफ्ट का चैनल खोला और एक- एक कर सभी को नीचे उतारा। टीम सीढ़ीयों से पहली मंजिल पर आईसीयू में पहुंची। जहां ऑपरेशन थियेटर में बायो मेडिकल वेस्ट के निपटान की व्यवस्था नहीं थी। संबंधित नर्स से पूछा तो वह कहने लगी कि पॉलीथिन में भरकर डस्टबिन में डालते हैं, लेकिन डस्टबिन नहीं थे। एक कर्मचारी ने बताया कि हॉसविन से कांटेक्ट है उसी को देते हैं। बाहर आकर भी डस्टबिन के बारे में पूछा तो एक ही रखा था, कहने लगे कि दूसरा धुलने गया है।


प्राइम हॉस्पिटल में नहीं निडिल कृश करने की व्यवस्था


प्राइम हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में निरीक्षण के दौरान जनरल वार्ड में मौजूद नर्सिंग स्टाफ से निडल हब कटर के बारे में पूछा तो पहले तो इधर उधर ढूंढने लगे और फिर कहा कि यहां नहीं है। इस पर सिसौदिया ने पूछा कि यूज्ड निडिल कहां और कैसे थी। क्रश करते हो, तो कहने लगे कि नीचे केंद्र ले जाते हैं। यह सुनकर निरीक्षण दल संचालक ने हैरानी से पूछा कि एक-एक बताया निडिल नीचे ले जाते हो क्या। उन्हें लिए निर्देश दिए गए कि अगली बार आएं हैं। तो निडिल हब कटर यहीं रखा मिलना चाहिए। यहां सीढ़ी पर लाइट की व्यवस्था नहीं थी, वार्ड में भी एक्सपायरी निरीक्षण दल के पहुंचने पर बिजली चालू की गई। हर बेड के नीचे डस्टबिन की जगह कलर पेंट की लगे खाली बाल्टी पॉलीथिन लगाकर रखी तारीख थी।


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