एक सप्ताह की सड़क सुरक्षा से कैसे रुकेंगे हादसे - अपनी बात
इस खतरनाक और भयावह सच्चाई को स्वीकारते हुए कि दुनिया में हमारे देश में सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं होती है और इन हादसों में कितने ही लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है दुर्घटनाओं पर नियंत्रण कर पाना सहज नही हो पाता। सड़क सुरक्षा और उसकी जागरूकता के लिए काम करने वाली संस्थाओं के साथ साथ खरिक्षा सप्ताह मनाया जात सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा भी प्रतिवर्ष सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाया जाता है मगर ये एक खानापूर्ति से अधिक कुछ नजर नही आता । अगर आंकड़ों की जुबानी देखे तो प्रतिवर्ष 1.5 लाख के अधिक लोग सडक हादसों में अपनी जान गवां देते है ।सडक हादसों के कारणों की पड़ताल की जाये तो मोटे रूप में वाहन चालकों का अपशिक्षित होना शराब पीकर वाहन चलाना,वाहन में क्षमता से अधिक सामान या सवारियों का होना,वाहन का जोगास होना, नाबालिक बच्चों द्वारा वाहन चलाना, और मोबाईल का उपयोग करते हुए वाहन चलाना,बिना हेलमेट दोपहिया वाहन चलाना और वाहन चालन के समय दिमागी तनाव आमतौर पर दुर्घटनाओं का कारण बनता है। प्रदेश के साथ शहर में भी इस बार 30 वाँ राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा 4 फरवरी से मनाया जा रहा है जिसमें विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से सड़क सुरक्षा की जागरूकता के लिए प्रयास किये जायेंगे. सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा की थीम पर लोगों को जागरूक करने के प्रयास किये जायेंगे। सड़क हादसों की घटनाओं को देखें तो छोटे छोटे कस्बों से लेकर महानगरों तक में नाबालिग बच्चों द्वारा वाहन चलाने के दौरान होने वाले हादसों में मरने वालों की संख्या में बढ़ौत्री होती जा रही है। खुद से गाडी सीखने और पूरी तरह प्रशिक्षित हुए बिना भीड़ के बीच गाडी चलाने से भी दुर्घटनाओं में मौते हो रही है जबकि आज फैशन बन चकी शराबखोरी और मौज मस्ती के साथ वाहन चालन भी कितनी ही जिन्दगियां लील चुका है। बड़ी गाड़ियों में क्षमता से अधिक माल और सवारियां ढोते अनियन्त्रित वाहनों से मरने वालों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। वाहन चलाते समय मोबाईल का उपयोग करते और हादसों का शिकार होते लोगों को रोज देखते हए भी कोई सबक लेने को राजी नही है। और इन सबसे बढकर दिमागी तनाव. देर से निकालकर समयपर कहीं न कहीं पहुंचने की जल्दी में लोग मौत को दावत दे रहे है। मालवा में एक कहावत कही जाती किली में और किस्मत को दोष देना यानी कि दुर्घटनाओं के और सड़क हादसों के ये जितने भी कारण हम देख रहे है इन सबसे बचकर सड़क दुर्घटनाओं को हम खुद ही कम कर सकते है इसके लिए हमारी खुद की यातायात के प्रति जागरूकता हमे और हमारे जीवन को बचा सकती है। एक सप्ताह के सरकारी सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा जैसे ओपचारिक आयोजन हमारे जीवन की रक्षा के लिए हयमे जागरूक तो कर सकते है मगर हमारे अपने जीवन की रक्षा के लिए हमे खुद को वाहन चालन के पर्याप्त सावधानी रखनी होगी।
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