लोककला की आकतियों से सजा नजर आएगा खंडवा जंक्शन

खंडवा। मध्य रेलवे के महत्वपूर्ण खंडवा जंक्शन से गुजरने वाले यात्री अब निमाड़ की संस्कृति और कला से परिचित हो सकेंगे। इसके लिए स्टेशन परिसर की दीवारों पर लोककला से जुड़ी आकृतियां बनाई जा रही हैं। यहां लोकचित्रों के साथ गणगौर, सांझाफूली और जिरौती के चित्र भी नजर आएंगे। खंडवा जंक्शन से रोजाना लगभग 100 ट्रेनें गुजरती हैं। इनमें 20 हजार से अधिक लोग गुजरते हैं। अब ये यात्री खंडवा सहित निमाड़ की संस्कृति से परिचित हो सकेंगे। रेलवे के सिविल विभाग ने स्टेशन की दीवारों पर लोकचित्र बनवाने की शुरुआत की है। चित्रकार बैजनाथ सराफ यहां दीवारों पर चित्र उकेर रहे हैं। सबसे पहले यहां लोककलाओं को दर्शाया जा रहा है। इसके बाद यहां गणगौर, सांझाफूली और जिरौती के चित्र भी बनाए जाएंगे। पहले चरण में प्लेटफॉर्म की दीवारों पर चित्र बनाए जाएंगे। इसके बाद जंक्शन के मुख्य द्वार के पास चित्र उकेरेंगे। चित्रकार सराफ ने कहा कि लोकचित्रों के बाद निमाड़ की बहू कहां तीर्थनगरी और पर्यटन केंद्रों के चित्र भी दीवारों पर बनाए जाएंगे। इसमें मां नर्मदा के तट पर बसे ओंकारेश्वर तीर्थक्षेत्र और महेश्वर के किले को चित्रों के माध्यम से दर्शाएंगे। इसके साथ ही संत सिंगाजी समाधि स्थल, हनुवंतिया और सैलानी टापू के चित्र भी यहां होंगे। स्टेशन पर चित्रकारों को चित्र उकेरते देख स्थानीय यात्रियों ने कहा कि खंडवा की पहचान तीन दादाओं से है। संतश्री धूनीवाले दादाजी, हरफनमौला कलाकार किशोर दा और साहित्कार व पत्रकार माखनलाल चतुर्वेदी दादा के चित्र भी यहां बनाए जाने चाहिए।


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