जो सत्य नाम का सुमिरण करता है, वह भव बंधन से मुक्त हो जाता है- सतगुरु मंगल नाम साहेब

भारत सागर न्यूज देवास। सत्य नाम वह अमृतवाणी है जो समस्त संकटों को हर लेती है। जिसने भी इसका स्मरण किया उसका उद्धार हो गया। यदि सत्य नाम का सुमिरण नहीं हो तो तीर्थ, दान, योग, ध्यान सब अधूरे हैं। सदगुरु कबीर ने संसार को यह अमूल्य ज्ञान दिया कि परमात्मा निराकार और अनंत हैं। देवता भी नाम के बिना अपूर्ण है। सत्य नाम की महिमा अगाध है। इसकी परख बिरले ही कर पाते हैं। यह विचार सद्गुरु मंगल नाम साहेब ने सद्गुरु कबीर सर्वहारा प्रार्थना स्थली सेवा समिति मंगल मार्ग टेकरी द्वारा आयोजित गुरु वाणी पाठ, गुरु शिष्य चर्चा के दौरान वव्यक्त किए। उन्होंने कहा, कि जो जीव इसकी शरण में आया, वही वास्तव में मुक्त हुआ है। यही कबीर साहेब का दिव्य मार्ग है। कई साधकों ने सत्यनाम के स्मरण से महानता पाई है। संत कबीर ने कहा है कि चलती चक्की देख कर दिया कबीरा रोए, दो पाटन के बीच में साबुत बचा न कोई। कबीर साहब कहते हैं कि जब मैंने चक्की को चलते देखा, तो मैं रो पड़ा। इसके दो पाट एक ऊपरी और दूसरा निचली पाट के बीच कोई भी दाना साबुत नहीं बचता है। उसी प्रकार यह संसार भी एक चक्की की तरह है जहां एक ओर मोह-माया ...